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Wednesday, February 10, 2010

akela pan

बात उन दिनों कि है जब मोम & डैड कहीं बाहर गये हुए थे और मैं घर पे अकेला बोर हो रहा था, अचानक मन में आया और मैने कोई नम्बर घुमाना शुरु किया के शायद कोई लड़की भी होगी जो मेरी तरह बोर हो रही होगी, बहुत नम्बर मिलाने के बाद एक नम्बर मिल ही गया। मैने कहा-क्या मैं सोनिया से बात कर सकता हूँ, तो आवाज़ आयी - यहां कोई सोनिया नहीं है, तो मैने कहा आप कौन तो उसने अपना नाम सीमा बताया। मैने कहा अगर आप बुरा न माने तो हम कुछ देर बात कर सकते हैं? तो वो मान गयी।
अब हम हर दिन बात करने लगे, धीरे धीरे मैने उसके बारे में बहुत कुछ जान लिया, उसे भी सेक्स करने का उतना ही शौक था जितना मुझे। मैने उससे पूछा कि हम कब मिल सकते हैं तो उसका जवाब था जब आप चाहो।
1 दिन मिलने के लिये टाइम भी फ़िक्स हो गया जब हमारा सामना हुआ तो स्टोरी बदल चुकी थी, वो मेरे दोस्त की बहन थी और उसने अपने बारे में जो भी बताया सब गलत था, मैने उसे कहा क्या इरादा है अगर तुम मेरे साथ नहीं चलोगी तो मैने तुम्हारी सब बातें जो मोबाइल में रिकोर्ड की हैं तुम्हारे भाई को सुना दूंगा, वो डर गयी और मेरे साथ चलने के लिए मान गयी।
उसे लेकर मैं एक होटल में गया और हम रूम में पहुँच गये।
रूम में जाते ही मैने उसे अपनी बाहों में भर लिया, मैं मौका गवाँना नहीं चाहता था।
मैने उसकी चूची दबानी शुरु कर दिये, उसे दर्द होने लगा और वो ऊऊउह की आवाज़ करने लगी मैने उसकी चूचियां उसकी ब्रा से आज़ाद कर दी और उसकी चूचियां चूसने लगा। अब उसे भी मज़ा आने लगा, मैने धीरे धीरे अपना एक हाथ उसकि सलवार में डाल दिया और उसके चूतड़ सहलाने लगा। वो मज़ा लेने लगी थी।
अब मैने अपना हाथ उसकी बुर पर फ़ेरना शुरु किया, वो मदहोश होने लगी, उसकी आंखें बंद होने लगी, मैने उसे बेड पे लिटा दिया और उसकी सलवार और पैंटी अलग कर दी। अब वो मेरे सामने एक दम नंगी लेटी हुई थी। मुझसे रहा नहीं जा रहा था, उसकी चूत गीली हो चुकी थी।
मैने उसकी टांगे उठाई और चोदना शुरु कर दिया वाह उसकी सील भी बंद थी जो और मज़े की बात थी।
जैसे ही मेरा 7 इंच का लंड उसके अंदर गया वो कराह उठी लेकिन ये मज़े की कराहट थी। अब 2-3 बार धक्का देने के बाद उसकी सील टूट गयी अब चुदाई जोरों पे थी। वो आह्हह्हह्हह्हह कर रही थी और मज़ा भी ले रही थी हम दोनो चुदाई का आनंद ले रहे थे।
उस दिन हमने 2 बार चुदाई का मज़ा लिया और इसके बाद हमें जब भी मौका मिलता हम ये खेल खेलते थे और आज भी खेलते हैं।

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